सागर : मध्य प्रदेश के सागर जिले में स्थित जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में मौजूद दो कल्पवृक्ष अतिक्रमण के क्षेत्र में आ रहे थे। नियमों के तहत दोनों पेड़ काटे जाने थे, पर अधिकारियों की सूझबूझ से इनको जीवनदान मिल गया।
जिलाधिकारी कार्यालय के अधिकारियों ने निर्माणाधीन कार्यालय का नक्शा बदल दिया, जिससे दोनों पेड़ बचगए। ज्वाइंट कलेक्ट्रेट भवन में दुर्लभ कल्पवृक्ष के जोड़े को बरकरार रखने के लिए जिला प्रशासन ने भवन के नक्शे में कई बदलाव कर नवनिर्माण कराया।
जिले के तीन कलेक्टरों के निर्देशन में बनकर यह भवन तैयार हुआ। इसकी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए प्रशासन ने लगभग चालीस साल पुराना अतिक्रमण सख्ती से हटाया। इसके लिए उन्होंने कानूनी कार्रवाई से भी निपटना पड़ा। इस दौरान इन पेड़ों को बचाने के लिए अधिकारियों ने भवन के पहले से निर्धारित नक्शे और डिजाइन में कई बदलाव किए, जिससे ये दुर्लभ पेड़ बचगए और नवनिर्मित कलेक्ट्रेट भवन की शोभा बढ़ाते रहेंगे।
दरअसल, नया ज्वाइंट कलेक्ट्रेट भवन पीली कोठी के सामने बना है, जहां साल 2016 में लगभग एक दर्जन से ज्यादा दुकानों का कब्जा था, लेकिन भवन निर्माण की रूपरेखा बनाकर पूर्व कलेक्टर विकास नरवाल के कार्यकाल के दौरान यहां पेड़ों की कटाई शुरू हो गई।
नईदुनिया की खबर के बाद प्रशासन सुधार को हुआ तैयार
अक्टूबर 2016 में नईदुनिया (नवदुनिया) ने यहां लगे दुर्लभ पेड़ों की खबर प्रकाशित की। इसके बाद प्रशासन सुधार को तैयार हुआ, तभी जिलाधिकारी का भोपाल ट्रांसफर हो गया। इसके बाद पूरी प्रक्रिया को नए कलेक्टर आलोक सिंह ने समझा।
दरअसल, नया ज्वाइंट कलेक्ट्रेट भवन पीली कोठी के सामने बना है, जहां साल 2016 में लगभग एक दर्जन से ज्यादा दुकानों का कब्जा था, लेकिन भवन निर्माण की रूपरेखा बनाकर पूर्व कलेक्टर विकास नरवाल के कार्यकाल के दौरान यहां पेड़ों की कटाई शुरू हो गई।
पेड़ों को बचाने के लिए डीपीआर में कई बदलाव
यहां से उन्होंने 40 साल पुराना अतिक्रमण कोर्ट से विभिन्न प्रकरणों का निराकरण होने के बाद हटाया, पर इन दुर्लभ पेड़ों को बचाने के लिए डीपीआर में कई बदलाव कराने के बाद भवन का निर्माण हुआ। वर्तमान कलेक्टर प्रीति मैथिल के निर्देशन में अब भवन लगभग तैयार है। दोनों कल्पवृक्ष कलेक्ट्रेट के मुख्य गेट के पास मौजूद हैं और भवन की सुंदरता बढ़ा रहे हैं।
input – Dainik Jagran