रिपोर्ट तौक़ीर रज़ा ।आज पूरे देश के साथ साथ कटिहार जिले के कोढ़ा प्रखण्ड अन्तर्गत मधुरा पंचायत के मधुरा गांव में बड़े ही हर्षोउल्लाह के साथ पैगम्बर मुहम्मद साहब का जन्म दिन मनाया गया।गौरतलब है कि मधुरा जामे मस्जिद से शानदार जुलूसे मुहम्मदी निकाली गई।यह जुलुस पुरे गांव होते हुए मधुरा छोटी मस्जिद पहुंची फिर वहां झंडे को फहराया गया।फिर यह जुलुस यहां से मुख्य सड़क होते हुए मोती चौक दहरा होते हुए पुनः बड़ी मस्जिद पहुंच कर वहां झंडा फहराया गया फिर खानकाहे रसूलिया के प्रांगण में झंडा फहराया गया फिर यह जुलूसे मुहम्मदी एक सभा में तब्दील हो कर मुल्क की अमनो सलामती की दुआ मांगी गई।जुलूस में मजहबी झंडे के साथ लहराया तिरंगा।और आप को बताते चलें कि मुसलमानों द्वारा निकाले गए ईद मिलाद उल नवी के जुलूस में इस्लाम के मजहबी झंडे के साथ राष्ट्रध्वज तिरंगा भी लहरा रहा रहा था। मुस्लिम समाज के अनेक बच्चे अपने हाथों में तिरंगा थामे चल रहे थे।कटिहार जिला सीरत कमिटि के अध्यक्ष व खानकाहे रसूलिया के सज्जादा नशीं मौलाना अहसन रज़ा ने बताया कि 570 ईसवीं में पैगंबर हजरत मुहम्मद का मक्का में जन्म हुआ था। पैगंबर की जयंती इस्लामी कैलेंडर हिजरी के अनुसार 12 रबी-उल-अव्वल को पड़ती है। पैगंबर मुहम्मद के जन्म की याद में ही मिलादुन्नबी का पर्व मनाया जाता है। इस मुबारक दिन में अल्लाह सबकी फरियाद सुनते हैं। साथ ही उन्होंने कार्यक्रम में आये लोगों को पैगंबर की शिक्षाओं के बारे में विस्तारपूर्वक बताया। उन्होंने कहा कि हजरत मुहम्मद को इस्लाम का आखिरी नबी माना जाता है। मुसलमानों का अकीदा है कि पैगंबर मुहम्मद के बाद कोई नबी नहीं आएगा।