त्रिभुवन ठाकुर
नेपाल प्रभाग के जल अधिग्रहण क्षेत्र में भारी वर्षा से बिहार के कोसी इलाके में कोसी नदी उफनाई ।
जून महीने में ही कोसी नदी का जलस्तर डेढ़ लाख क्यूसेक के करीब पहुच गया हैं ।कोसी नदी का जलस्तर बढ़ने से जिले के बसन्तपुर,सरायगढ़,निर्मली,मरौना सहित सदर प्रखंड के भगवानपुर,पिपराही,सिमरी,भपटियाही, बेरिया, बेला आदि तटबन्ध के भीतर बसे सेकड़ो गाँवो के हजारो एकड़ में लगे किसानों के फसल को नदी का पानी ने डूबा दिया हैं , किसानों ने बताया इस बार समय से पहले कोसी नदी में जलस्तर बढ़ने से किसान के मूंग, पटसन,मिरचाइ, सहित सब्जी के फसलों को भारी नुकसान किया हैं ।
इलाके के किसानों ने बताया कि कोसी नदी में अमूमन जुलाई में जलस्तर बढ़ता था, इस बार एक माह पहले कोसी का जलस्तर बढ़ने से सेकड़ो किसानों के भारी पैमाने पर दलहन और सब्जी के फसल पानी मे डूबने से भारी नुकसान हुआ हैं ।कुछ दिन और नदी का जलस्तर नही बढ़ता तो मूंग,मिरचाइ,सहित सब्जी निकल जाता । समय पूर्व कोसी के उफनाने से किसानों के मेहनत और लाखो की लागत पर कोसी ने पानी फेर दिया हैं । पीड़ित किसान ने बताया पहले कोरोना ने रुलाया और अब कोसी नदी ने किसानों के अरमान को डुबाया हैं ।
कोसी नदी के पानी मे फसल डूब जाने से किसान निराश हैं वही सरकार से मुआवजे की मांग किया हैं ।जिले के आधा दर्जन प्रखंड के सेकड़ो गाव हर साल बाढ़ की विभीषिका को झेलने को मजबूर हैं ।
Vo–ये नजारा कोसी पूर्वी तटबन्ध के भीतर के गाव भगवानपुर ,पिपराही ,सिमरी आदि इलाके का हैं ,जहाँ कोसी नदी में अचानक जलस्तर बढ़ने से नदी उफना गयी हैं । कोसी के उफनाने से इलाके के सेकड़ो एकड़ दलहन,पटसन,सहित मिरचाई की खेती पानी मे डूब गया हैं , यही स्थिति अमूमन तटबन्ध के भीतर बसे सेकड़ो गाव का हैं ,जहां किसान की लाखों की लागत से लगाया फसल कोसी की पानी मे डूब गया हैं । कुछ किसान पानी से मिरचाइ की फसल को बाहर निकालते दिखे । फसल को बर्वाद देख किसान मायुस हैं ,सरकार से मुआवजे की मांग किया हैं ।