फारबिसगंज में आर्थिक तंगी से निजी विद्यालय के शिक्षक की मौत।
मुबारक हुसैन की रिपोर्ट
फारबिसगंज(अररिया):- कोरोना महामारी के कारण विगत 5 माह से विद्यालय बंद रहने के कारण निजी विद्यालय संचालकों के साथ साथ इन विद्यालयों में काम करने वाले शिक्षकों व अन्य कर्मियों के समक्ष अब जीवन यापन का गहरा संकट उत्पन्न हो चुका है। फारबिसगंज के वार्ड संख्या 23 निवासी 55 वर्षीय शिक्षक अरुण कुमार सिन्हा की गुरुवार को आर्थिक तंगी के कारण मौत हो गई। वह छुआ पट्टी में बाल शिक्षा सदन नामक प्राइवेट विद्यालय चलाते थे। विगत कई दिनों से बीमार थे एवं आर्थिक तंगी के कारण इलाज के आभाव में बीमारी से जूझ रहे थे। वे अपने पीछे पत्नी एवं दो पुत्र समेत भरा पूरा परिवार छोड़ गए है। उनके निधन की खबर समाज मे फैलते लोगो मे शोक की लहर उत्पन्न हो गई। शुक्रवार की सुबह उनके निवास पर निजी विद्यालय संघ के जिलाध्यक्ष सूर्य नारायण गुप्ता, नोशाद अंसारी, संजय कुमार मंडल, लक्ष्मी झा, राजेश्वर प्रसाद, अजित कुमार, सदन लाल ठाकुर, पन्ना लाल, योगानंद बहरदार आदि ने शोक में डूबे परिवार को संतावना देते हुए यथा संभव मदद करने का भरोसा दिया। मौके पर संघ के जिलाध्यक्ष सूर्यनारायण गुप्ता ने कहा कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार विगत 14 मार्च से ही विद्यालय बन्द पड़ा हुआ है। जिस कारण विद्यालय संचालक न तो शिक्षकों को वेतन भुगतान कर पा रहे है और न हीं मकान का किराया, बिजली का बिल आदि का भुगतान कर पा रहे है। जिस कारण जहां एक ओर शिक्षकों के समक्ष परिजनों के लिए दो जून की रोटी के जुगाड़ के लिए जूझना पड़ रहा है। वही दूसरी ओर किराये के भवन में स्कूल चलाने वाले स्कूल संचालकों को मकान मालिक का किराया भुगतान नही करने के कारण मकान खाली करने की बात भी कह रहे है। ऐसी स्थिति में निजी विद्यालय के शिक्षक क्या करे यह समझ नही आ रहा है। जिलाध्यक्ष ने कहा कि अगर यही स्थिति रही तो आने वाले समय मे शिक्षक सड़क पर आ जाएंगे। उन्होंने कहा कि आर्थिक तंगी के कारण ही आज उनके एक शिक्षक की मौत हुई है।