दिनांक 22.11.2019 को भोला पासवान शास्त्री कृृिष महाविद्यालय, पूर्णियाँ में सीमांचल के प्रत्येक जिलों में अवस्थित कृषि विज्ञान केन्द्र पूर्णियाँ, कटिहार, अररिया, किषनगंज, मधेपुरा, सहरसा एवं सुपौल के गुणवत्ता की समीक्षा हेतु प्रत्येक पाँच वर्षों के उपरांत राष्ट्रीय गुणवत्ता समीक्षा समिति (क्यू॰ आर॰ टी॰) के सदस्यों के साथ साथ माननीय कुलपति बिहार कृषि विष्वविद्यालय सबौर डा॰ अजय कुमार सिंह, निदेषक प्रसार षिक्षा डा॰ आर॰ के॰ सोहाने एवं निदेषक छात्र कल्याण डा॰ राजेष कुमार ने उपर्युक्त सभी कृषि विज्ञान केन्द्रों के विगत पाँच वर्षों में किये गये किसान कल्याण कार्यों की गुणवत्ता के समीक्षोंपरांत संयुक्त रूप से कृृिष महाविद्यालय, पूर्णियाँ का भ्रमण किया। इस अवसर पर महाविद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के सर्वांगिण व्यक्त्वि विकास हेतु कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ सभी उपस्थित अतिथियों द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया। महाविद्यालय के प्राचार्य डा॰ पारस नाथ द्वारा सभी आगत अतिथियों का स्वागत पुष्प गुच्छ एवं अंग वस्त्र प्रदान कर किया गया। अपने स्वागत भाषण में प्राचार्य डा॰ नाथ ने महाविद्यालय के स्थापना काल से लेकर अब तक के महाविद्यालय की उपलब्ध्यिों को विस्तार पूर्वक आख्या प्रस्तुत किया। गुणवत्ता समीक्षा समिति (क्यू॰ आर॰ टी॰) चयेरमेन डा॰ आर॰ के॰ सामन्ता, पूर्व कुलपति विधान चन्द्र कृषि विष्वविद्यालय पष्चिम बंगाल ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में महाविद्यालय द्वारा विकसित किये गये सबौर मखाना-1, मखाना उत्पादन तकनीक एवं मखाना में कीट प्रबंधन तकनीक की भूरी भूरी प्रषंसा किये। छात्रों को सम्बोधित करते हुए डा॰ सामन्ता ने कहा कि छात्रों को अन्तर्मुखी न हो करके बाह्यमुखी होना चाहिए अर्थात् अपनी आन्तरिक भावनाओं अपने षिक्षकों के बीच उजागर करना चाहिए ताकि उनकी वास्तविक सोच एवं आधुनिक षिक्षा प्रणाली से तारतम्य स्थापित किया जा सके। उन्होंने कहा कि कृषि षिक्षा में रोजगार की अपार संभावनायें है। इस दौरान श्री जे॰ पी॰ प्रसाद द्वारा मखाना सह मत्स्य उत्पादन तकनीक का प्रदर्षनी लगाकर जीवंत प्रदर्षन किया गया। गुणवत्ता समीक्षा समिति (क्यू॰ आर॰ टी॰) के सभी सदस्यों ने मखाना आधारित तकनीकों की भी प्रषंसा की। गुणवत्ता समीक्षा समिति (क्यू॰ आर॰ टी॰) के सदस्य सचिव डा॰ एफ॰ एच॰ रहमान के साथ साथ अन्य सदस्य डा॰ युद्धवीर सिंह, डा॰ रामबाबू शर्मा, चक्रधर शतपती ने महाविद्यालय के उपलब्धियों हेतु प्राचार्य डा॰ पारस नाथ को बधाई देते हुए कहा कि अल्पावधि में हीे महाविद्यालय काफी सराहनीय कार्य किये हैं। माननीय कुलपति बिहार कृषि विष्वविद्यालय सबौर डा॰ अजय कुमार सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा कि इस महाविद्यालय के प्रक्षेत्र के चहार दिवारी का अनुमोदन बिहार सरकार द्वारा किया गया है जिससे महाविद्यालय के प्रक्षेत्र का समुचित विकास करना आसान होगा। असमाजिक तत्वों द्वारा बीज उत्पादन प्रक्षेत्र, उद्यान प्रक्षेत्र एवं अनुसंधान प्रक्षेत्र में होने वाले नुकसान से बचा जा सकेगा। भूमि अतिक्रमण को भी रोका जा सकेगा। महाविद्यालय के कार्यों की प्रषंसा करते हुए कहा कि यह महाविद्यालय निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है और इसी का परिणाम है कि छात्र-छात्राएँ नामांकन में इस महाविद्यालय को प्राथमिकता देते हैं। इसी दौरान नवागंतुक छात्र-छात्राएँ द्वारा हर परिसर हरा परिसर योजनान्तर्गत एक छा़त्र एक फलदार वृक्ष लगाकर चार वर्षों तक उस वृक्ष की देखभाल करेंगे। गुणवत्ता समीक्षा समिति (क्यू॰ आर॰ टी॰) चयेरमेन डा॰ आर॰ के॰ सामन्ता के कर कमलों द्वारा आम का वृक्ष लगाकर इस योजना का षुभारंभ किया गया। इसी दौरान डा॰ एस॰ के॰ यादव, प्रधान वैज्ञानिक एन॰ वी॰ पी॰ जी॰ आर॰, नई दिल्ली द्वारा कृषि स्नातक छात्र-छात्राएँ के सर्वांगिण विकास हेतु पादप जैव विविधता संसाधन संग्रहण एवं संरक्षण के महत्व विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किये।
इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी छात्र-छात्राएँ, षिक्षक एवं षिक्षकेत्तर कर्मचारीयों ने उत्साह पूर्वक भाग लिये।