सिर्फ मुस्लिम होने के कारण बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग में नियुक्त प्रोफेसर फिरोज खान के विरोध के मुद्दे के बीच हम आपको बताने जा रहे हैं बिहार के राजधानी पटना के एक ऐसी शख्सियत की कहानी जो वेद और पुराण का ज्ञाता है जन्म से मुस्लिम किंतु कर्म से राम भक्त रहमान की कहानी आपको भी भारतीय संस्कृति पर गर्व करने का अनुभव कराएगी. ऐसा नहीं कि फिरोज खान की तरह डॉक्टर एम रहमान कट्टर पंथियों के निशाने पर नहीं आए किंतु इन्होंने अपने आत्मबल के सहारे ना सिर्फ बाधा पर विजय पाई है बल्कि हजारों छात्रों को सरकारी नौकरियों का अवसर मुहैया कराया है. दिधिचि देह दान समिति से जुड़े डॉ रहमान ने अपना संपूर्ण शरीर ही दान कर रखा है 45 साल के रहमान 45 बार से ज्यादा रक्तदान भी कर चुके है। छात्रों को देशभक्ति का पाठ पढ़ाने वाले गुरु रहमान की अनूठी कहानी जरूर आपको प्रेरणा देगी.धार्मिक एकता की अनूठी मिसाल भी है पटना वाले गुरु डॉक्टर एम रहमान, महज ₹11 की गुरु दक्षिणा में हजारों छात्रों को विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं में सफलता दिला चुके पटना के नया टोला गोपाल मार्केट में अदम्या अदिति गुरुकुल चलाने वाले गुरु डॉक्टर एम रहमान धार्मिक एकता की अनूठी मिसाल भी है.डॉक्टर एम रहमान ने कहा कि भारत की आत्मा भारत के संविधान में बसती है हम लोग गंगा जमुना तहजीब के लोग हैं हमने कभी भी देश से इतर कुछ नहीं सोचा है.