विधा – कुंडलियां
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कोरोना तुम ना आओ , अब और ना सताओ।
सब हो रहे है भयभीत , अब और ना डराओ।।
अब और ना डराओ, तुम वापस दूर चले जाओ।
यहां तुम्हारी खैर नहीं, सब मिलकर इसे भगाओ।।
नमस्ते और सलाम करो,ना किसी से हाथ मिलाओ।
जागरूक और सजग रहो,औरों को जागरूक बनाओ।।
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निशा भारती अररिया
(बिहार)