हड़ताली शिक्षक नहीं मनाएंगे होली
अपनी माँगों के समर्थन में 22वें दिन भी शिक्षकों का हड़ताल जारी रहा। राज्य समन्वय समिति के आह्वान पर आज प्रखंड मुख्यालय अररिया में मुख्यमंत्री, शिक्षमंत्री, अपर मुख्य सचिव का पुतला दहन किया गया तथा अपनी माँगों के समर्थन में नारे लगाए, जब जब जुल्मी ज़ुल्म करेगा सत्ता के गलियारों से- चप्पा चप्पा गूँज उठेगा इंक़लाब के नारों से, सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है देखना है ज़ोर कितना बाजुए कातिल में है, शिक्षक से जो टकराएगा वह चूर चूर हो जाएगा, हक़ हमारा वेतनमान, लेकर रहेंगे वेतनमान, देना होगा वेतनमान। पुतला दहन के बाद सभी शिक्षकों को संयुक्त रूप से समन्वय समिति के अब्दुल कुद्दुस, मो जाफ़र रहमानी, प्रशांत कुमार, आफताब फ़िरोज़, राजेश कुमार, शहरयार, गंगा प्रसाद मुखिया ने संबोधित किया। अपने संबोधन में सभी ने कहा कि हमलोगों की माँगें समान काम का समान वेतनमान, पुरानी पेंशन, सेवाशर्त, राज्यकर्मी का दर्जा जाएज़ तथा संवैधानिक है। सरकार हमलोंगों की माँगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर वार्ता करने के बजाय दमनकारी नीति अपना रही है। सरकार के दमन से शिक्षक डरने वाले नहीं है। बल्कि आक्रोशित एवं आंदोलित हैं। सरकार के गलत नीति के विरोध स्वरूप इस बार शिक्षक होली नहीं मनाएंगे। हड़ताल से पठन पाठन पर जो कुप्रभाव पर रहा है इसके लिए सरकार पूर्णरूपेण ज़िम्मेदार है। सरकार जल्द से हमलोगों की माँगें नहीं मानेगी तो पूरे बिहार के शिक्षक 23 मार्च को पटना के गाँधी मैदान में शिक्षा बचाओ- बिहार बचाओ रैली करेंगे। इस अवसर पर मो शाहजमाँ, फ़िरोज़ आलम, मसऊद आलम, कुमार अमित, मो अकमल हुसैन, आसिम हुसैन, आशिक़ुर रहमान, शाहबाज़ रेज़ा, मो इमरान, वसीम अकरम, एहताशमुल हसन, निसार अनवर, शहज़ाद शकील, सरफुद्दीन, सचेन्द्र कुमार, पंकज कुमार, अचल देव्, जीव रमण, बीरेश झा, मज़हर आलम, आशना शहज़ाद, मगफुर आलम, जमशेद आलम, मंजू कुमारी, राजेश कुमार, सत्यम, सहित सेंकड़ों शिक्षक एवं शिक्षिका उपस्थित हुए।