संवाददाता/अंकित सिंह
भरगामा प्रखंड क्षेत्र के चर्चित शंकरपुर छठ घाट पर शुक्रवार के संध्या को श्रद्धालु सूर्य देव को अर्घ्य दिया। पंडित सुशील झा के अनुसार व्रती छठी मैया का पूजा किया.और ठेकुआ,कसार बनाया तथा पूजा का डाल बना कर घाट पर ले गया। फिर स्नान किया.और उसके बाद व्रती डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया। साथ ही पूजा भी किया। अर्घ्य देते समय दूध तथा गंगा जल का इस्तेमाल किया। मिट्टी और ईंट से बनी छठी मैया की विधिपूर्वक पूजा किया। बांस की बनी बड़ी टोकरी, बांस और पीतल के बने सूप,
थाली, दूध और ग्लास, चावल, लाल सिंदूर, दीपक, नारियल, नाशपती, बड़ा नींबू, शहद, पान, साबुत सुपारी, कैराव, कपूर, चंदन हल्दी, गन्ना, सुथनी, सब्जी और शकरकंदी, मिठाई प्रसाद के रूप में ठेकुआ, मालपुआ, खीर-पुड़ी, सूजी का हलवा, चावल के बने लड्डू पूजा के लिए बनाया। इसके बाद बांस की टोकरी में सभी जरूरी सामग्री रख कर सूर्य को अर्घ्य दिया। और जितना भी प्रसाद था। उसे सूप में रखा। फिर सूप में दीपक जलाया। उसके बाद नदी में उतरा और सूर्य देव को अर्घ्य दिया। व्रती अमला देवी,माला देवी,मुन्नी देवी आदि को अर्ध्य देने में मुख्य रूप से शामिल लाल सिंह,शंकर सिंह,कमलदेव कुंवर,रंजन कुंवर,मुकेश कुंवर,नवनीत सिंह,मोती सिंह,रुचि सिंह,रचना सिंह,रानी सिंह,अक्षय,मनीष,आसिष,जीवन आदि हजारों श्रद्धालु शामिल थे।