मुंगेर का डीआईजी शफीक उल हक एजेंट के माध्यम से पुलिस कर्मियों का भयादोहन कर उनसे वसूली करता था। मजे की बात तो यह है कि डीआईजी का वसूली अभियान जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सांसद ललन सिंह के नाम की आड़ में होता था दरोगा हरिशंकर कुमार के रिकॉर्डिंग ने डीआईजी वसूली कांड का खुलासा किया। ओ यू की जांच में मामला सही पाए जाने पर राज्य सरकार ने आज डीआईजी शफीउल हक को सस्पेंड कर दिया है।
मुंगेर के डीआईजी शफीउल हक अपने ही विभाग के पुलिसकर्मियों का भयादोहन कर उनका जबरदस्त आर्थिक शोषण करता था ।इस मामले का खुलासा दरोगा हरिशंकर कुमार ने डीआईजी के द्वारा दरोगा के व्हाट्सएप पर किए गए कॉल की रिकॉर्डिंग कर इसका खुलासा किय। बताते हैं कि डीआईजी हक ने दरोगा हरिशंकर को व्हाट्सएप कॉल किया और उन्हें बताया कि उनके ऊपर कई गंभीर आरोप है। जिसकी जांच वे कर रहे हैं। अगर उन्होंने जांच रिपोर्ट दे दी तो उसकी नौकरी चली जाएगी मामले को रफा-दफा के लिए डीआईजी ने दरोगा हरिशंकर से 1500000 रुपए की मांग की दरोगा ने 1500000 देने में असमर्थता जताते हुए एक से दो लाख देने की बात कबूली ।लेकिन डीआईजी द्वारा यह कहने पर कि ऊपर भी पहुंचाना पड़ता है और बहुत दबाव भी है। दरोगा ने जब पूछा कि किसका जवाब है तो सफीकुल ने कहा कि ललन सिंह का बहुत दवाब है और उन्हें ही बहुत रकम पहुंचाना है। डीआईजी और अपने बीच हुई इस वार्तालाप को दरोगा हरिशंकर कुमार ने रिकॉर्ड कर लिया और उसकी ऑडियो रिकॉर्डिंग ललन सिंह को पहुंचा दिया।सांसद ललन सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए रिकॉर्डिंग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास पहुंचा दिया। मुख्यमंत्री ने इस मामले की जांच बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई से कराया ।जांच में सही पाए जाने के बाद डीआईजी को मुंगेर से हटाकर मुख्यालय बुला लिया गया ।राज्य पुलिस मुख्यालय में शफीउल हक को वेटिंग फॉर पोस्टिंग पर रखा गया। जांच रिपोर्ट प्राप्त होते हैं राज्य सरकार ने आज डीआईजी को सस्पेंड कर दिया ।निलंबन अवधि में डीआईजी का मुख्यालय पटना के जोनल आईजी संजय सिंह का कार्यालय बनाया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार हक ने बाजप्त एजेंट रखा था ।एजेंट के माध्यम से कनीय पुलिस अधिकारियों को डरा धमका कर उन पर विभागीय कार्रवाई करने की धमकी देकर लगातार उनका आर्थिक शोषण कर रहा था। डीआईजी के खिलाफ सरकार ने विभागीय कार्रवाई करने की अनुशंसा की है।